हे नववर्ष! तुम कोई दग़ा न करना
आओ हे नववर्ष!तुम हमसे कोई दग़ा न करना बीते जैसे साल पुराने वैसी कोई ख़ता न करना। पहले के ज़ख्म़ों
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Read Moreछठ पर्व पर एक भयावह तस्वीर यमुना नदी दिल्ली की सामने आयी, जिसमें सफेद झाग से स्नान वा अर्क देते
Read Moreवैश्विक स्तर की कोरोना महामारी से जूझ रहे समूचे विश्व के लोगों के समक्ष अपनी और अपनों की जान बचाना
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Read Moreलोक-लुभावन वादे जिसमें दाना,चारा नहीं , यह आम बजट तो आमजन का प्यारा नहीं । बजट के गजट का दिमागी
Read Moreअच्छा लिखता हूँ या खराब लिखता हूँ मैं एक तेरे हुस्न को शराब लिखता हूँ मैं। लिखने का होश भी
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