सम्हल जाइये
वक्त बड़ा नाजुक है यार,सम्हल जाइये, बेदाग दामन को बचाके,निकल जाइये! कदम-कदम पर ठगी मिलेंगे दुनिया में उनकी मोहक अदा
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Read Moreचारो ओर सन्नाटा पसरा,सूने हुए बाजार,श्री राधे काम काज बंद हुए,घर अंदर है परिवार,श्री राधे | वाहनों के पहिये थमें,यातायात
Read Moreख्यालों में पल – पल तुझे सोचता हूँ मैं ख्वाबों में भी अब तुझे ही देखता हूँ मैं। सुकूँ मिलता
Read Moreइन दिनों शायर प्यारेलाल बड़े उदास से रहते हैं।मायूसी से भरे दिन एवं खोयी-खोयी रातें जैसे-तैसे कट रहीं हैं।लगातार आ
Read Moreघर का चिराग जब घर को जलाये क्या उस पर गर्व करूँ घर का भेदी ही जब लंका ढ़हाए क्या
Read Moreसब कुछ तुमको सौंप दिया मिला ना तुम से अपनापन। नेह का नीड़ उड़ा ले गयी स्वारथ की जो बही
Read Moreआपका तो मुझे नहीं पता …! लेकिन हमें हमारे शिक्षकों ने बचपन में पढ़ाया था कि “रामचंद्र कह गये सिया
Read Moreदिल में आया कि आपको फोन करके नववर्ष की शुभकामना दूं। तभी दूसरा प्रश्न दक्ष हो गया कि आपने मुझे
Read Moreबचकर रहना यार, जमाना जालिम है हो जाओ होशियार, जमाना जालिम है। अपनापन,भाईचारा खत्म हो चुका है है रिश्तों में
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