मुझे विश्वास है
मुझे पूरा विश्वास है उस मकान के पीछे आज भी जिंदा होगा नन्हा पौधा जो रोपा था कल परसों मैंने|
Read Moreमुझे पूरा विश्वास है उस मकान के पीछे आज भी जिंदा होगा नन्हा पौधा जो रोपा था कल परसों मैंने|
Read Moreढली हुयी शाम उतर आयी फिर से, ड़रने लगे बच्चे मगर चाँद ने साहस दिलाया. हथेली पर चाँदनी जगमगाती रोशन
Read Moreआओ मिलकर बात करें देश अपने भारत की शान की, संघर्ष की, वीरों के वलिदान की| नदियों की कल कल
Read Moreये शहर की गलियाँ तंग तानाबाना बुनती भीड़ से भरी कुछ कहना चाहतीं हमसे, पर क्या हम सुनते हैं? लगाते
Read Moreमैं आम इंसान हूँ सादा जिंदगी, दो वक्त की रोटी जुटा पाता हूँ दिहाड़ी मजदूरी करता हूँ परेशानियों से बोलवाला
Read Moreगलियों में उड़ रहे रंग हरे गुलाबी सराबोर नर नारी बच्चे रंग बिरंगे हुड़दंग ही हुड़दंग | कोई रंग भरे
Read Moreउठाकर नजर देखता रहा मैं मक्खन चट गया, उल्टी पड़ी मटकी उदास सी आज फिर आँगन में | आकर अम्मा
Read Moreथक गया हूँ हार गया हूँ संघर्ष करते करते अपने आप से दुनिया से केवल अपने हक के लिए क्या
Read Moreमैं क्या करुँ? कहाँ जाऊँ? कहाँ नहीं? पता नहीं चलता अब क्या करुँ? काम काज ठप्प पडे हैं मन दुखी
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