महेश दर्पण का आत्मीय सम्मान
हापुड़ की संस्था ‘दीपशिखा संस्थान’ की ओर से वरिष्ठ कथाकार-संपादक महेश दर्पण का आत्मीय सम्मान किया गया। इस अवसर पर
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Read Moreचौराहे पर भीड़ नहीं है आज। आसमान पर काले बादल छाए हैं- बारिश की भी संभावना है। गुमटा भी बैठा
Read Moreदरवाजे पर दस्तक हुई। वह नींद में था। दस्तक फिर हुई। वह उठा और दरवाजा खोला। भूख खड़ी थी। वह
Read Moreकवि कथाकार विष्णु सक्सेना के दूसरे खंडकाव्य “ सुनो राधिके सुनो “ का शीर्षक जितनी मधुरता लिए है , वहीं
Read More:1: खाली करिए राजपथ, जनता है बेहाल । घर में सब ही कैद हैं, जीना हुआ मुहाल ।। जीना हुआ
Read More:1: सुना है रोशनी के घर अंधेरों ने बसाये हैं, सुना है चांद तारे चांदनी से बौखलाए हैं, मुझे तुमसे
Read Moreतड़के चार बजे झम्मो ने एक झुग्गी से उठती चिंगारी देखी और वह चीख पड़ी।उसकी चीख हवा से मिलकर जंगल
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