कविता आस्था दीक्षित 26/01/2020 #तेरी_यादें तेरी यादें कैसी उलझन कैसी अपनी मोहमाया है। कितने दर्द द्वार खड़े हो कर पाया है। सारे आंसू दृग को धो कर Read More
कविता आस्था दीक्षित 18/01/202018/01/2020 सपने जिन्दगी की रफ्तार में सपने खो जाते है, उठते है, हसंते है, थमते है और गुम हो जाते है। नादान Read More
बाल कविता आस्था दीक्षित 19/12/201921/12/2019 बरखा नाच नचाने बादल आया, संग मे कितना पानी लाया। हर ओर थिरकती हवा चली, मदहोश मचलती मनचली। साँय साँय हो Read More
गीत/नवगीत आस्था दीक्षित 14/12/2019 गीत – मां तुमसे अलग हो कर ये मन न रह पाता है माँ कामो मे उलझा रह कर भी याद करता माँ Read More