भीड़ का मनोविज्ञान और आधुनिक समाज
भगदड़ सिर्फ भीड़ की अव्यवस्था नहीं, बल्कि आधुनिक मानव की मानसिक असंतुलन और अधीरता का दर्पण भी है। यह केवल
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Read Moreगंगा, यमुना, सरस्वती, करती जीवन तार।संगम की हर बूंद में, मिलता शुभ संसार।। साधु-संत का मेला ये, लाए पुण्य विचार।हर
Read Moreभारत में सहकारिता का विचार केवल एक आर्थिक मॉडल नहीं, बल्कि सामूहिक विकास और भारतीय दर्शन का अभिन्न अंग है।
Read Moreभारतीय संस्कृति अपने आप में एक गूढ़ और व्यापक धरोहर है, जिसका प्रभाव केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे
Read Moreप्रशासनिक अधिकारियों का जनता से दूर होना कोई नई बात नहीं है, परंतु आज के लोकतांत्रिक तंत्र में यह दूरी
Read Moreराहों में मिले हम-तुम,मंजिलें थीं अलग-अलग।सफर का था रंगीन मौसम,पर नजर थी मंजिल पर। क्षणिक है मंजिल पाना,पर सफर का
Read Moreफिर से उठाई वो कलम मैंने,जो थककर गिरी थी कभी,स्याही में मिला दर्द का दरिया,अश्कों से भीगी हर एक सदी
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