आधुनिकता..
बदलते समय में आने लगी है रिश्तों में नयापन… भुलाने लगे हैं लोग संस्कारों की अहमियत मिटने लगी है लाज,
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Read Moreअक्सर मौन हो जाती हुँ विचारों के उलझे प्रश्नों से जैसे मन को डसता हुआ सवाल और घायल होता जवाब
Read Moreसंतुष्टि सुनो! व्याप्त है अगर.. तुम्हारे हृदय में मेरे प्रेम का सुर्ख गुलाबी रंग तो तुम जरूर महसूस करोगे मेरे
Read Moreये औरतों के अस्तित्व और इसके मायने क्या समझ भी पाती हैं सभी स्त्रियां मुझे तो नहीं लगता ! क्योंकि
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