गीतिका/ग़ज़ल बलजीत सिंह बेनाम 17/04/2020 शायरी बेवफ़ा या बावफ़ा है आईना कैसी फ़ितरत का बता है आईना बेवफ़ा या बावफ़ा है आईना फिर किसी मज़लूम ने की ख़ुदकुशी सामने बिखरा पड़ा Read More
गीतिका/ग़ज़ल बलजीत सिंह बेनाम 22/03/2020 ग़ज़ल लगे सूरत शिकारी तो कर सीरत से यारी बचे कैसे जहां से जवां बिरहा की मारी फ़क़त मुफ़लिस को लूटें Read More
गीतिका/ग़ज़ल बलजीत सिंह बेनाम 22/03/2020 ग़ज़ल अपने चेहरे को आईना करके ज़िंदगानी से जी वफ़ा करके उम्र भर आँसुओं में डूबा हूँ एक इंसान को ख़ुदा Read More
गीतिका/ग़ज़ल बलजीत सिंह बेनाम 07/02/202023/02/2020 famous ghazal ग़ज़ल तेरे होंठों पर कहानी और कुछ कह रहा आँखों का पानी और कुछ हम दिखाते हैं ज़माने को अलग जी Read More
गीतिका/ग़ज़ल बलजीत सिंह बेनाम 26/01/2020 ग़ज़ल होता है नूरानी मंज़र मेरे घर जब तुम आते हो दर्पण कुछ बोले तो कैसे दर्पण से क्या कह जाते Read More
गीतिका/ग़ज़ल बलजीत सिंह बेनाम 26/01/2020 ग़ज़ल अगर पास हक़ की क़माई नहीं है अभी प्यास तुमने बुझाई नहीं है ये सोचा ख़ुदा से उसे छीन लाऊँ Read More