गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

तेरे होंठों पर कहानी और कुछ

कह रहा आँखों का पानी और कुछ

हम दिखाते हैं ज़माने को अलग

जी रहे हैं ज़िंदगानी और कुछ

ज़हन में तो यादें माज़ी की मगर

रस्म दुनिया की निभानी और कुछ

जंग ज़ारी इन उसूलों की मियाँ

जब तलक़ ख़ूँ में रवानी और कुछ

हिज्र के कुछ ज़ख्म हैं ताज़ा अभी

प्यास अश्कों से निभानी और कुछ

बलजीत सिंह बेनाम

सम्प्रति:संगीत अध्यापक उपलब्धियाँ:विविध मुशायरों व सभा संगोष्ठियों में काव्य पाठ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित आकाशवाणी हिसार और रोहतक से काव्य पाठ सम्पर्क सूत्र:103/19 पुरानी कचहरी कॉलोनी हाँसी:125033 मोबाईल:999626610