गज़ल
आँखों भीतर आँसू नहीं तलवारें गिरती हैं। तो फिर जा कर मुश्किल से सरकारें गिरती हैं। दुनियां को अब समझ
Read Moreमेरे साहित्यिक उस्ताद थे पण्ड़ित विष्णु कालिया जी। पतला दुबला लम्बे कद काठ का शरीर। गोरा रंग। मधुर संवेदना व्यक्तित्त्व।
Read Moreबच्चे सबको प्यारे लगते। माँ को राज दुलारे लगते। इन में ही भगवान मिलेगा। इक सच्चा इन्सान मिलेगा। घर में
Read Moreसर्व उच्च सत्कार बाबा दीप सिंह। मानवता का प्यार बाबा दीप सिंह। दुश्मनों के वास्ते ललकार था। तेज़ तीख़ी चमकती
Read Moreअंध विश्वासों को समझाया था गुरू नानक ने। एक सुन्दर संसार बनाया था गुरू नानक ने। माता तृप्ता के घर
Read Moreजलते अलबत्ता लाखों दीपक संसार में। आओ एक दीप जलाए इस प्यार में। अनुकंपा की सौगात है। दीवाली वाली रात
Read Moreतेरी लट से ही तो रात चुराई है। सूरज तेरे मुखड़े का अनुयाई है। मौसम तेरे साँसों से ही बनते
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