Author: बीजू ब्रजवासी

हास्य व्यंग्य

खट्टा-मीठा : लड़की नहीं, लड़ती हूँ

कोई पचपन साल की अधेड़ औरत यदि खुद को लड़की कहे, तो उस पर हँसी से ज़्यादा तरस आता है। दादी-नानी बनने की उम्र में लड़की बनने का शौक़ चर्राया हो, तो ब्यूटी पार्लर वाली भी आत्महत्या कर लेंगी। “सींग कटाकर बछड़े बनने” का मुहावरा ऐसे ही उदाहरणों से निकला होगा। वैसे औरतों के लिए और विशेषकर अधेड़ उम्र की औरतों के लिए लड़ना

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हास्य व्यंग्य

खट्ठा-मीठा : रबड़ी और इमरती

अभी तक अँगूठाछाप निरक्षर भट्टाचार्य मंत्री/मुख्यमंत्री के उदाहरणस्वरूप रबड़ी देवी का ही नाम लिया जाता था, जिनको चाराचोर लालू प्रसाद

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