अम्मा चलें आज अमराई
अम्मा चलें आज अमराई।झूलें झूला बहना – भाई।। नभ में घटा उमड़कर आई।हवा चली ठंडी पुरवाई।।यहाँ वहाँ छाया भी छाई।अम्मा
Read Moreअम्मा चलें आज अमराई।झूलें झूला बहना – भाई।। नभ में घटा उमड़कर आई।हवा चली ठंडी पुरवाई।।यहाँ वहाँ छाया भी छाई।अम्मा
Read Moreपीहर आई नारि नवेली सावन आया द्वार।अमराई में धूम मचातीं उर में खिलते फूल।झूला डाला तरु रसाल पर रहीं गोरियाँ
Read Moreबरसाने की राधिका, नंदगाँव के श्याम।मेरे मन में आ बसो, करता ‘शुभम्’ प्रणाम।। उमड़ रहे घन व्योम में,गरज-गरज चहुँ ओर,चपला
Read Moreचला डाकिया लेकर डाक।डगर नापता सीधी नाक।। चढ़ा वाहिनी दो चक्रों की,छान रहा दोपहरी खाक। झोले में हैं भरीं चिट्ठियाँ,बढ़ा
Read Moreबदलें अपनी चाल,काग हर ओर यहाँ।बनते सभी मराल,करें किल्लोर यहाँ।। बदल न पाया पंख, रंग भी काला है,दिखता काला शंख,छिपा
Read Moreजून विदा आ गई जुलाई।ऋतुओं की रानी अब आई।। नहीं धूप लू गरम हवाएँ,हुई तपन की पूर्ण विदाई। रिमझीम -रिमझिम
Read Moreजैसा भी हो अपने देश के कानूनों को मानना,उनका सम्मान करना और उनकी बनाई गई लकीर पर फ़क़ीर बनकर कर
Read Moreबूढ़ा बचपन लाया यौवन कोंपल नई खिली। जितना छनता बचपन छिनता बढ़ता मैल गया। हर विचार की दुर्गति होती चलता
Read More