Author: *डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

हास्य व्यंग्य

व्यंग्य – चमत्कारों की वादियाँ बनाम चमत्कारवाद

चमत्कार की वादियों में चमत्कारवादियों की चाँदी है।देश के बाबाओं ने बहुत पहले से कर रखी ये मुनादी है।बड़े -बड़े

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गीतिका/ग़ज़ल

दोहा गीतिका – पाँच वर्ष के बाद में

नेताजी करते नहीं, जन जनता से प्यार।आता समय चुनाव का,बाँटें प्यार उधार।। नेतागण चाहें नहीं, करना पूर्ण विकास,कौन उन्हें पूछे

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