गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/09/2022 गज़ल बस कुछ कर गुज़रना चाहता हूँ ज़माने को बदलना चाहता हूँ ====================== जहां को रोशनी देने की खातिर बनके शम्स Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/09/2022 गज़ल किसी शोख के इशारा ए पैहम की तरह आ इस बार तू बहार के मौसम की तरह आ ============================== हो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/09/2022 गज़ल होकर हालात का शिकार बदल जाती है नीयत का क्या है बार-बार बदल जाती है ========================== करती है वादे सारी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/09/2022 गज़ल इस दौर-ए-तग़य्युर में ऐसा भी मुकाम आया जिन हाथों में तस्बीह थी उन हाथों में जाम आया ============================== उन्हें राह Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/09/202220/09/2022 गज़ल जाने कैसे हमें लग गया मर्ज़ ये है संगीन बहुत, अपनी तबियत थोड़े दिनों से रहती है गमगीन बहुत, ================================ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 12/09/2022 गज़ल मेहनत करोगे तो तुम्हें क्योंकर ना मिलेगा, कहीं माँगने से तुमको मुकद्दर ना मिलेगा, ============================ टूटे हुए दिल में Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 09/09/2022 गज़ल बेचैन तुम ही नहीं बेकरार मैं भी था तेरी उदासियों में सोगवार मैं भी था ============================= अश्क तुमने भी बहाए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 03/09/202203/09/2022 गज़ल ज़ख्मी जब भी ईमान होता है, सब्र का इम्तिहान होता है, ==================== सच का साथी नहीं यहां कोई, मुखालिफ ये Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 01/09/2022 गज़ल सपने जैसा किसी के दिल में पलता रहता हूँ अपनी लौ में अक्सर खुद ही जलता रहता हूँ ============================ थक Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 30/08/2022 गज़ल मुझे भी रंग बदलना आ गया है, गिर-गिरकर संभलना आ गया है, ===================== ना धुआं है ना ही आवाज़ कोई, Read More