गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 29/08/2022 गज़ल मेरी बेचैनी ज़ुबां पा गई तो क्या होगा, दिल की बात लब पे आ गई तो क्या होगा, =========================== मैंने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 28/08/2022 गज़ल दिल-ए-बेताब को जब भी तेरा पैगाम मिल जाए, लगे ऐसा किसी बच्चे को ज्यों ईनाम मिल जाए, ============================ ज़रा सा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 27/08/2022 गज़ल रस्म-ए-उल्फत को इस तरह निभाया मैंने, सुना जो नाम तेरा सर को झुकाया मैंने, =========================== लहू-लहू था बदन चाक गिरेबां Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 20/08/2022 ग़ज़ल किसी से सारी उम्र का इकरार न माँगो कुछ भी माँग लो यहाँ बस प्यार न माँगो ======================== छूट जाएँ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 18/08/2022 ग़ज़ल कातिल चारागर लगता है, हवा में घुला ज़हर लगता है, ================== किसको दें आवाज़ यहां अब, दुश्मन सारा शहर लगता Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/08/2022 ग़ज़ल करम करे न करे हमपे ये है काम उसका दिल पुकारता है हर घड़ी बस नाम उसका ========================== दस्तक जब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 13/08/202217/08/2022 गज़ल ज्यादा ना शरमाया कर, भर के पेट कमाया कर, =================== शौक अगर करने हैं पूरे, थोड़ी रिश्वत खाया कर, =================== Read More
कविता *भरत मल्होत्रा 12/08/202217/08/2022 कविता काश…………. काश मैं गीत होता कभी किसी सुनहरी शाम को तुम छत पे खड़ी होतीं, तनहा मैं चला आता, बेसाख्ता Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 09/08/202209/08/2022 गज़ल कब दीवारों से झाँकता है कोई, मुझको शायद मुगालता है कोई मुड़ के देखा हवा का झोंका था, लगा ऐसे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 08/08/2022 ग़ज़ल दो दिन सुकून से जीना मुहाल करते हैं ये दुनिया वाले भी कितने सवाल करते हैं ========================== न रह सकेंगे Read More