गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 26/07/2022 गज़ल पल-पल अपने ज़मीर की निगरानी में रहता हूँ सच्चा हूँ तभी शायद परेशानी में रहता हूँ ============================ इस गर्दाब से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 25/07/202228/07/2022 ग़ज़ल कोई मतला, कोई मक्ता नहीं लिक्खा मैंने हुई मुद्दत नाम तेरा नहीं लिक्खा मैंने चाहता तो तुझे बदनाम भी कर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 23/07/2022 ग़ज़ल अपने हालात से बेखबर आदमी, ना चैन पाए कहीं बेसबर आदमी, ======================= और पैसे कमाने की लालच लिए, गांव से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 21/07/202226/07/2022 गज़ल चाहे थोड़ा फासला सा रहे, मगर कोई सिलसिला सा रहे, इलाज सारे कर के देख लिए, ज़ख्म दिल का मगर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 20/07/2022 गज़ल मैंने हाल-ए-दिल जब भी उसे सच-सच सुनाया है मेरी तकलीफ पर ज़ालिम हमेशा मुस्कुराया है ============================== याद आ गए एक Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/07/2022 ग़ज़ल यहां पर दिल जिगर रूहें और झूठा प्यार बिकते हैं, इस दुनिया की मंडी में कमीने यार बिकते हैं, ============================== Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/07/2022 ग़ज़ल सोचता हूँ कि महफिलों से किनारा कर लूँ यादों को ही तनहाई का सहारा कर लूँ ============================ मैंने चाहा है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/07/202219/07/2022 गज़ल हो अच्छा वक्त तो दुनिया हसीं मालूम होती है, मुसीबत में मगर ये अजनबी मालूम होती है गुलामी करते देखा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 14/07/2022 ग़ज़ल पैमाना हो या प्यार छलकता ज़रूर है सीने में अगर दिल हो धड़कता ज़रूर है ========================== महफिल में वो बैठे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 13/07/2022 गज़ल नज़ाकत आप क्या जानें, नफासत आप क्या जानें किसी मासूम चेहरे की शरारत आप क्या जानें ============================== जज़्बे हैं ये Read More