गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 12/07/2022 गज़ल महक उठी है कहीं फिरसे रातरानी क्या लौट आई दोबारा मेरी ज़िंदगानी क्या ========================== देख के ताजमहल ये सवाल उठा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 10/07/2022 गज़ल हंसता हूँ तो आँखों में नमी महसूस होती है न जाने दिल को क्यों तेरी कमी महसूस होती है ================================== Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 09/07/202210/07/2022 ग़ज़ल हर खुशी को संभाल रखा है, फिक्र को कल पे टाल रखा है तेरी नज़रों की हैं करामातें, खाक मुझमें Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 08/07/2022 गज़ल तेरी जुदाई आज फिर अश्कों में ढल गई होते ही शाम यादों की इक शमा जल गई =========================== माना था Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 06/07/2022 गज़ल तो क्या हुआ कि अब न तेरे खास रहे हैं किसी वक्त तेरी आँखों की हम प्यास रहे हैं ========================== Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 04/07/2022 ग़ज़ल रंग रूखसार का तेरे उड़ा-उड़ा क्यों है, मेरे महबूब तू इतना डरा-डरा क्यों है, ========================== ऐसा लगता है कि छूते Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 02/07/202208/07/2022 गज़ल छोटा सा इक आशियां चाहते हैं ज़रूरत से ज्यादा कहां चाहते हैं खिज़ाओं का मौसम रहे दूर जिससे उम्मीदों का Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 01/07/202209/07/2022 गज़ल बिछड़ के तुझसे मुझे ये शहर अच्छा नहीं लगता, कहां सजदा करूँ कोई भी दर अच्छा नहीं लगता मैं जिसके Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 27/06/2022 गज़ल तेरा चेहरा इन आँखों से भुलाया भी नहीं जाता, मुझसे खेला है तू ऐसे बताया भी नहीं जाता, ============================= सफाई Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 25/06/2022 गज़ल ए खुशी तुझे ता – उम्र तलाशा है बहुत नहीं नसीब में तू पर तुझे चाहा है बहुत ============================== ये Read More