गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 24/06/2022 गज़ल मेरे जिस्म में तू बन के जान रहता है मिलूँ किसी से भी तेरा ध्यान रहता है ========================== मेरे वजूद Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 23/06/2022 गज़ल हो जाता जो मुझे तेरा दीदार थोड़ा-सा आ जाता मेरे दिल को भी करार थोड़ा-सा ========================== लज़्ज़त-ए-इश्क और बढ़ाने के Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 22/06/2022 ग़ज़ल दर्द तेरे दिल में जगा सकता हूँ पर रहने दे, तुझको दीवाना बना सकता हूँ पर रहने दे, ============================ नामुमकिन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 21/06/2022 गज़ल किसी की याद में ये अश्क बहाया न करें हैं बड़े कीमती गौहर, इन्हें ज़ाया न करें ========================== लोग दिल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 20/06/2022 ग़ज़ल सिसायत वो पहेली है कि जिसका हल नहीं कोई, यहां जो आज साथी है वो अपना कल नहीं कोई, ============================= Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/06/2022 ग़ज़ल चाँद माथे पे, निगाहों में सितारे लेकर, रात आई है देखो कैसे नज़ारे लेकर, ======================== सुबह तक याद ना करने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 18/06/2022 गज़ल सच्चाई को इस दुनिया में बस इल्ज़ाम मिलता है, मक्कारी हो चालाकी हो तो ईनाम मिलता है, ============================== मिली ना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 05/06/2022 ग़ज़ल आहों से असर शेरों से मेरे जायका जाता रहा, तुम गए तो जिंदगी का हर मज़ा जाता रहा, ============================= सीख Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 01/06/202208/06/2022 ग़ज़ल अदावत दिल में रखते हैं मगर यारी दिखाते हैं, न जाने लोग भी क्या क्या अदाकारी दिखाते हैं लगेगी आग Read More
गीत/नवगीत *भरत मल्होत्रा 30/05/202208/06/2022 गीत ख्वाब बोए थे, ज़ख्म निकले हैं दिल की खेती अजीब है यारो प्यार में जीत कर भी हारा हूँ अपना Read More