गीत/नवगीत *भरत मल्होत्रा 27/05/202208/06/2022 नज़्म पिछला पहर जब रात का हो, और आँख में नींद ना आती हो, तुम तनहा छत पर लेटे हो, ये Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 24/05/2022 ग़ज़ल सुनने के लिए है, ना सुनाने के लिए है, ये गज़ल फक्त उनको मनाने के लिए है, ========================== देखा जो Read More
गीत/नवगीत *भरत मल्होत्रा 18/05/202219/05/2022 नज़्म तुम्हें हरदम पुकारा है, मैंने खामोश होकर भी, तुम्हें इक पल नहीं भूला, मैं अपने होश खोकर भी, तुम्हें धड़कन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 13/05/202219/05/2022 गज़ल अक्लमंदों से ज्यादा अक्ल उस जाहिल में थी क्या बला की होशमंदी तौबा उस गाफिल में थी जानने की कोशिशें Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 10/05/2022 गज़ल हुक्मअदूली कर लेकिन थोड़ी फरमाबरदारी रख, जीने की ख्वाहिश है तो मरने की भी तैयारी रख, ============================== लंबे सफर में Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 06/05/2022 गज़ल जिसे हालात ने मारा हो मुहब्बत कैसे वो कर ले, जो खुद टूटा सितारा हो मुहब्बत कैसे वो कर ले, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 06/05/202209/05/2022 गज़ल आज यादों को करीने से सजाया जाए, इन दीवारों को कोई किस्सा सुनाया जाए इश्क कैसे बनाता है किसी बुत Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 02/05/2022 गज़ल यूँ तो साथी बहुत हैं लेकिन साथी सबसे प्यारा दर्द सब अपने ही दर्द में उलझे समझे कौन हमारा दर्द Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 18/04/202227/04/2022 गज़ल कभी फुर्सत हो तो सुनना छोटी सी कहानी है, अश्कों से लिखी है और निगाहों से सुनानी है गम क्या Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 13/04/202215/04/2022 गज़ल बहुत से लोग दुनिया में अजब सा काम करते हैं, मुहब्बत ज़िंदगी से है मगर जीने से डरते हैं रवायत Read More