गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 18/01/2022 गज़ल इश्क की आग में इक बार जल के देखते हैं, पहलू-ए-यार में हम भी मचल के देखते हैं, ============================= जिंदगी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 09/01/202209/01/2022 गज़ल मुहब्बत के लिए इंसान कुछ भी कर गुज़रता है, जुनून-ए-इश्क हो तो फिर किसी से कौन डरता है दिल-ए-नादान का Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 07/01/202207/01/2022 गज़ल वो फिर ना बन सकूँगा जो बुरा होने से पहले था सज़ा का डर बस मुझको सज़ा होने से पहले Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 03/01/2022 गज़ल अपनी-अपनी ख्वाहिशों की आग में जलता मिला इस गज़ब की भीड़ में हर आदमी तनहा मिला ============================== सुबह से लेके Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 31/12/202117/01/2022 गज़ल सितारों से कहीं आगे चाँद के पार चलते हैं, थाम के हाथ इक दूजे का हम दिलदार चलते हैं हर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 14/11/2021 गज़ल आईना हाथ में जब भी कभी अपने उठाना तुम, पहले देख लेना खुद फिर मुझको दिखाना तुम, ============================== हजारों बार Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 06/11/2021 ग़ज़ल कुछ तो अच्छी आदत रखिए, थोड़ी-बहुत नज़ाकत रखिए गैर भी अपने हो जाएँगे, दिल में ज़रा रफाकत रखिए झूठ के Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 27/10/2021 ग़ज़ल किसी बेगाने को अपना बनाकर देख लेते हैं, चलो तकदीर अपनी आज़माकर देख लेते हैं साथ देती नहीं दुनिया सुना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 20/08/2021 ग़ज़ल इश्क से चोट लगती है हया से चोट लगती है, मेरे टूटे हुए दिल को वफा से चोट लगती है, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 27/07/202127/07/2021 ग़ज़ल ज़हर घूँट – घूँट उसने जब पिया होगा नाम किसका-किसका जाने तब लिया होगा तू आईना है जो होगा वही Read More