गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 05/06/202106/06/2021 गज़ल बात अपनी बादशाहों वाली रही चाहे ता – उम्र पायमाली रही रास आए न हमको जहां के चलन अपनी फितरत Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 23/05/2021 गज़ल अक्लमंदों से ज्यादा अक्ल उस जाहिल में थी क्या बला की होशमंदी तौबा उस गाफिल में थी ============================== जानने की Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 02/05/2021 गज़ल चाँदनी खुद में सिमटती जाएगी, रात रफ्ता-रफ्ता ढलती जाएगी, ======================= गर्मी-ए-एहसास की लौ तो दिखा, रिश्तों पे जमी बर्फ गलती Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 24/04/2021 गज़ल कातिल हैं जो भेस बदल के चारागर हो जाते हैं राह जिन्हें मालूम नहीं खुद वो रहबर हो जाते हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 28/03/2021 गज़ल दरिया ए इश्क़ में उतर जा सोचता है क्या इस इब्तिदा की देखते हैं इंतिहा है क्या ============================== झूठ बोलने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 21/03/2021 गज़ल बच्चे की तरह शैतान सा है दिल अभी ज़रा नादान सा है ======================== अभी सीखा नहीं फरेब इसने रस्म-ए-दुनिया से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 14/03/2021 गज़ल गज़ल में ढाल के महफ़िल में जब मैंने दर्द सुनाए थे तेरी भी आंखें भर आईं थीं और होंठ थर्राए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 28/02/2021 गज़ल मँहगाई के इस दौर में भी ईमान बचा के लाया हूँ, कातिल की बस्ती से अपनी जान बचा के लाया Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 14/02/202124/02/2021 गज़ल कोई तो है जो मेरी राह तक रहा होगा किसीका दिल मेरे लिए धड़क रहा होगा फैलती जा रही है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 07/02/2021 गज़ल झूठी मुस्कुराहट चेहरे पर सजाए हुए हम लौट आए अश्कों को दबाए हुए ============================== तेरी निगाह-ए-करम की उम्मीद दिल में Read More