गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 28/07/202029/07/2020 गज़ल सुकून-ओ-चैन क्या पता किधर चले गए, अपनों की दुआओं से भी असर चले गए खुद फरिश्तों को भी नाज़ होता Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/07/202029/07/2020 गज़ल इस दौर-ए-परेशानी में राहत ले के आया हूँ नफरत के शहर में मैं मुहब्बत ले के आया हूँ हैं तेरे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 12/07/202029/07/2020 गज़ल हंसता हूँ तो आँखों में नमी महसूस होती है न जाने दिल को क्यों तेरी कमी महसूस होती है सुनाओ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 24/06/202029/07/2020 ग़ज़ल ए खुशी तुझे ता – उम्र तलाशा है बहुत नहीं नसीब में तू पर तुझे चाहा है बहुत ये मिट्टी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 20/06/2020 ग़ज़ल जाने वाले लौट आ कि तबियत उदास है कोई गीत गुनगुना कि तबियत उदास है ========================== काटने को दौड़ते हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 14/06/202029/07/2020 ग़ज़ल ज़ख्म अपने दिल पे बेशुमार खा गया, मैं आदमी पहचानने में मार खा गया, चला था भरोसे का कारोबार करने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 09/06/202029/07/2020 ग़ज़ल छलनी यारों के करम से है सीना अपना पहरेदारों ने ही लूटा है दफीना अपना धोखेबाज़ निकले जिनकी खातिर हमने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 04/06/202004/06/2020 ग़ज़ल लबों पे लेकर निकले हैं इंकलाब का नारा लोग, बदलेंगे तस्वीर वतन की हम जैसे आवारा लोग, ऐसी आँधी आएगी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 28/05/202031/05/2020 ग़ज़ल बात कुछ ना थी बवंडर हो गए, महल आलीशान खंडहर हो गए वक्त के हाथों बचा ना कोई भी, दफन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 21/05/202031/05/2020 ग़ज़ल बहुत छोटा सा मसला है मगर क्यों हल नहीं होता निगाहों से मेरी चेहरा तेरा ओझल नहीं होता दीवाने तो Read More