गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 05/03/201914/03/2019 ग़ज़ल इस तूफान में एक शमा जलाई जाए आज फिर शर्त ज़िंदगी से लगाई जाए वादा-ए-वस्ल है उनका कल सुबह हमसे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 01/03/201914/03/2019 गज़ल दामन तेरा अश्कों से भिगोया नहीं गया रोने का मन तो था मगर रोया नहीं गया आँखों के समंदर में Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 01/03/201914/03/2019 गज़ल दबा के रखो न दिल में सवाल जो भी हो कि चारागर से न छुपेगा हाल जो भी हो इश्क Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 22/02/201914/03/2019 गज़ल बुरे वक्त में सब रिश्ते तार – तार हुए यार जो कल तलक थे आज वो अगयार हुए हर तरफ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/02/201914/03/2019 गज़ल बेपनाह प्यार का मौसम चला गया तेरे साथ इंतज़ार का मौसम चला गया थाम लिया दामन-ए-मैकशी हमने इश्क के खुमार Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 14/02/201914/03/2019 गज़ल आँखों में धुआँ है, सीने में उबाल भी चलन है जुदा-जुदा बदली है चाल भी कुछ तो मैं फितरत से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 10/02/201914/03/2019 गज़ल ख्वाब आँखों में जितने पाले हैं सब के सब टूट जाने वाले हैं जो पसंद हो वही नहीं मिलता खेल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 07/02/201914/03/2019 गज़ल किस्सा-ए-इश्क अपना इतना ही रहा बस आगाज़ ही किया था कि उसने कहा बस ज्यादा तो कुछ नहीं हुआ होकर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 05/02/201906/02/2019 गज़ल कभी फरहाद कभी मजनूं कभी रांझा बना डाला तुम्हारे इश्क ने जानां मुझे क्या-क्या बना डाला पिला कर खून अपना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 02/02/201914/03/2019 गज़ल मुश्किलें लाख हों उम्मीद कहां मरती है ये वो शमा है जो तूफानों में भी जलती है ये बात सच Read More