गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 29/11/2018 गज़ल न कर बर्बाद अपना वक्त ए दीवाने जा नसीब अपना कहीं और आज़माने जा ======================== तेरे अपनों को तो फुर्सत Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 24/11/201824/11/2018 गज़ल जो हल न हो सके उन चंद सवालों जैसी ज़िंदगी होती है शतरंज की चालों जैसी ये तो खुदगर्ज़ी की Read More
गीत/नवगीत *भरत मल्होत्रा 12/11/2018 गीत मेरी अर्धांगिनी के जन्मदिवस पर :- विकल हुआ जब हृदय मेरा तुम्हें पुकारा अंतर्मन से जल तेरे नयनों से माँगा Read More
गीत/नवगीत *भरत मल्होत्रा 11/11/2018 गीत रश्मि-रथ की करके सवारी तुम आईं हिय-द्वार सुकुमारी श्वासों के आरोह-अवरोह से आहट होती प्रतिध्वनित तुम्हारी अथाह व्योम-से उर में Read More
गीत/नवगीत *भरत मल्होत्रा 06/11/2018 गीत चाह है तेरे लिए कोई गीत गाऊँ शब्दों से पाषाण में स्पंदन जगाऊँ मौन के भी कंठ में जो स्वर Read More
गीत/नवगीत *भरत मल्होत्रा 29/10/2018 कविता बुझे दीपक से ज्योति माँगने कब कौन आता है निशा घनघोर है चहुँ ओर दिखाई कुछ नहीं देता पथिक किस Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 25/10/2018 गज़ल किसी हाल में न ज़ुल्म से डर जाना चाहिए जी न सको इज्ज़त से तो मर जाना चाहिए ========================== गर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 20/10/201821/10/2018 गज़ल अलस्सुबह के हसीं आफताब जैसा है मेरे महबूब का चेहरा गुलाब जैसा है उसमें अक्स अपना देखूँ या पढूँ मैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 08/10/201822/10/2018 गज़ल मेरी तरह जो किसी बेवफा से तुम दिल को लगाओगे तुम भी तड़पोगे यूँ ही और तुम भी बहुत पछताओगे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 03/10/201822/10/2018 गज़ल तनहा होने का अहसास अब नहीं होता तू ही बता तू मेरे साथ कब नहीं होता मिले जितना भी उससे Read More