गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 31/10/2022 गज़ल पैसों की तरह जेब में डाले भी गए हैं हम खर्च भी हुए हैं, संभाले भी गए हैं ========================== खून-ए-जिगर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/2022 गज़ल नहीं होता जो किस्मत में उसी से प्यार करता है, ना जाने क्यों खता इंसान ये हर बार करता है, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/2022 गज़ल इस बेदर्द ज़माने में दिल को दिल से मिलाए कौन हर कोई गम में डूबा है गीत खुशी के गाए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/2022 गज़ल याद गुज़रे ज़माने आ गए क्या फिर यादों के बादल छा गए क्या ===================== अक्स मेरा उभरा जब यकायक Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/2022 गज़ल जाने क्या चाहता है मुझसे मुकद्दर मेरा, बनता काम बिगड़ जाता है अक्सर मेरा, =========================== याद आया मुझे ये Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/2022 गज़ल कातिल चारागर लगता है, हवा में घुला ज़हर लगता है, ================== किसको दें आवाज़ यहां अब, दुश्मन सारा शहर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/2022 गज़ल कुछ भूलें ऐसी हैं, जिनकी याद सुहानी लगती है। कुछ भूलें ऐसी जिनकी चर्चा बेमानी लगती है, ================================ कुछ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/202222/10/2022 गजल मैं ये जाहिर नहीं करता कि मैं सब याद रखता हूँ, पहले भूल जाता था मगर अब याद रखता हूँ, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/202222/10/2022 ग़ज़ल ऐसे ही ना सबसे यारी किया करो, थोड़ी सी तो पर्देदारी किया करो, इश्क हुआ तो नींद कहां से आएगी, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 20/09/2022 गज़ल होनी थी जितनी बारिश-ए-इकराम हो चुकी अब आओ घर को लौट चलें शाम हो चुकी ========================== किस्सा-ए-गम अपना उनको जब Read More