गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/2022 गज़ल कातिल चारागर लगता है, हवा में घुला ज़हर लगता है, ================== किसको दें आवाज़ यहां अब, दुश्मन सारा शहर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/2022 गज़ल कुछ भूलें ऐसी हैं, जिनकी याद सुहानी लगती है। कुछ भूलें ऐसी जिनकी चर्चा बेमानी लगती है, ================================ कुछ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/202222/10/2022 गजल मैं ये जाहिर नहीं करता कि मैं सब याद रखता हूँ, पहले भूल जाता था मगर अब याद रखता हूँ, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/202222/10/2022 ग़ज़ल ऐसे ही ना सबसे यारी किया करो, थोड़ी सी तो पर्देदारी किया करो, इश्क हुआ तो नींद कहां से आएगी, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 20/09/2022 गज़ल होनी थी जितनी बारिश-ए-इकराम हो चुकी अब आओ घर को लौट चलें शाम हो चुकी ========================== किस्सा-ए-गम अपना उनको जब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/09/2022 गज़ल इक तो अब हो गई पुरानी भी, हमको आती नहीं सुनानी भी, ==================== तुम अपने गम से भी नहीं खाली, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/09/2022 गज़ल मेहनत करोगे तो तुम्हें क्योंकर ना मिलेगा, कहीं माँगने से तुमको मुकद्दर ना मिलेगा, ============================ टूटे हुए दिल में ना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/09/2022 गज़ल बस कुछ कर गुज़रना चाहता हूँ ज़माने को बदलना चाहता हूँ ====================== जहां को रोशनी देने की खातिर बनके शम्स Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/09/2022 गज़ल किसी शोख के इशारा ए पैहम की तरह आ इस बार तू बहार के मौसम की तरह आ ============================== हो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/09/2022 गज़ल होकर हालात का शिकार बदल जाती है नीयत का क्या है बार-बार बदल जाती है ========================== करती है वादे सारी Read More