ज़िंदगी अनमोल है जाया न कीजिए
आज लोगों की मानसिकता देखकर आनंद फ़िल्म का राजेश खन्ना जी द्वारा प्रस्तुत एक डायलोग याद आ रहा है कि
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Read Moreनहीं लगता सबको कि हम बिना एहसासों वालें बुत बनते जा रहे है? संवेदना, दयाभाव या परोपकार का झरना हमारे
Read Moreरव से रची कायनात की हर शैय से गुँजायमान होती है मधुर तानों की रवानियाँ, कान लगाकर सुनी है कभी
Read More“मत बनों कारण किसी मासूम की बर्बादी का, मुस्कान भरो बहू के चेहरे पर ममता का उपहार देकर और ज़रिया
Read Moreताज्जुब की बात है 21वीं सदी का पढ़ा लिखा, अंग्रेजी झाड़ने वाला, आधुनिक समाज एक औरत की खुशी बर्दाश्त नहीं
Read Moreश्रुति का जाॅब इंटरव्यू था मुंबई की एक मल्टीनेशनल कंपनी में तो अपने पापा को बार-बार मना रही थी, पापा
Read Moreआजकल की युवा पीढ़ी को ज़िंदगी संघर्षों का पिटारा लगती है, प्रतियोगिता के ज़माने में खुद को कौनसे ट्रैक पर
Read Moreजिस कोख में नौ महीने रेंगते मैं शून्य से सर्जन हुई उस माँ की शान में क्या लिखूँ, लिखने को
Read Moreमशीन के भीतर, मशीन ही धड़कता है भावनाओं के भंडार से सराबोर दिल सिर्फ़ इंसान के शरीर में ही धड़कता
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