सुंदर सुरों की नदियाँ जाने किस ओर मुड़ गईं
कभी मेरे देश में बहती बयार से खुशबू आती थी अमन के फूलों की, कौनसा मौसम कत्ले-आम की शमशीर साथ
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Read Moreसिसकती है कई ज़िंदगीयां उस दोज़ख के भीतर एक गुमनाम सी उम्र ढ़ोते, सुलगती है ममता और वात्सल्य पिता का
Read Moreकुंतल आज UPSC पास करके कलेक्टर की कुर्सी संभालने जा रही थी, उस सम्मान में एक समारोह रखा गया। पूरा
Read Moreआजकल की युवा पीढ़ी किस दिशा में जा रही है, देश को जलाने में किसका हाथ है? सवाल उठता है
Read Moreशब्द ज़रिया है एहसासों को दर्शाने का पर कभी-कभी चंद शब्द पर्याप्त नहीं होते कुछ भावनाओं को पूर्णतः दर्शाने के
Read Moreशादी के पहले दिन रिया सुबह नहा धोकर नीचे आई तो सासु माँ ने कहा रिया तुम और आरव करुणानिधि
Read Moreहम टीवी सिर्फ़ मनोरंजन के लिए देखते है पर कभी कभी कोई सीरियल या पात्र हमारा पसंदीदा बन जाता है।
Read Moreरुचि जो एक कार्पोरेट जगत में मल्टीनेशनल कंपनी में सीईओ की पोजीशन पर नौकरी कर रही थी, उसकी शादी एक
Read Moreधर्म क्या है? कोई नहीं जानता और धर्म के लिए लाठियां चलाने निकल पड़ते है। अपनापन, भाईचारा, सद्भाव, अमन और
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