हमसफर
पूछती हूँ तुमसे सदा तुम हो कि — कुछ कहते नहीं साध लेते हो मौन मैं हूँ कि– तुम्हारे अनकहे
Read Moreउनका सौन्दर्य अप्रतिम है वे देवताओं को प्रिय हैं कवि भी उनके सौन्दर्य से वशीभूत होकर लिखते हैं कविता वे
Read Moreभोजन की बदलती शैली पर एक हायकु ———————————————– हुई पुरानी दादी नानी की थाली फ्यूजन फूड !! bhawana sinha
Read Moreतुम्हारे जाने के बाद कुछ दिनों तक खामोश रहते हैं लब आंखों की पुतलियों में उदासी ठहर जाती है कुछ
Read Moreआज फिर छाया है घना कोहरा साथ में बूंदा बांदी एक नीम तो दुजा करेला गले में मफलर कसके
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