अनुशासन
हे अनन्त रमणीक अनुशासन,कलयुगी महामानव अनुशासनश्रद्धवत् वंदन नमन अनुशासनतेरा हर सत्कार अनुशासन।है बारम्बार अनुशासन।तू कितना स्वच्छ था कल तक,सहज जीवन
Read Moreविरह व्यथा के दग्ध सेज पर,एक दुखियारी सोई थी।निर्मोही निर्मोक उतारो,जाने वह कितना रोई थी।ओ याद समन्दर से भी गहरा,गजगामिनी
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