लहराता खिलौना
देश के संविधान दिवस का उत्सव समाप्त कर एक नेता ने अपने घर के अंदर कदम रखा ही था कि
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Read Moreमृत्यु, किसी लघुकथा की तरह, तू भी एक ही क्षण को समेटे है अपने भीतर। हाँ! एक फर्क ज़रूर है…
Read Moreरात गहरा गयी थी, हल्की सी आहट हुई, सुनते ही उसने आँखें खोल दीं, उसके कानों में माँ के कहे
Read Moreवह तो रोज़ की तरह ही नींद से जागा था, लेकिन देखा कि उसके द्वारा रात में बिछाये गए शतरंज
Read Moreसाथ-साथ खड़े दो लोगों ने आसपास किसी को न पाकर सालों बाद अपने मुखौटे उतारे। दोनों एक-दूसरे के ‘दोस्त’ थे। उन्होंने एक दूसरे को गले लगाया
Read More(1). मेरा जिस्म एक बड़ी रेल दुर्घटना में वह भी मारा गया था। पटरियों से उठा कर उसकी लाश
Read More“अंग्रेजी नववर्ष नहीं मनेगा….देश का धर्म नहीं बदलेगा…” जुलूस पूरे जोश में था। देखते ही वह राष्ट्रभक्त समझ गया कि
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