गीत : बदलाव..
बदलते दौर का रिश्ता है ये, बदलाव मांगेगा। कभी आंसू कभी ये खून का, सैलाब मांगेगा। मेरे चलने से ही
Read Moreबदलते दौर का रिश्ता है ये, बदलाव मांगेगा। कभी आंसू कभी ये खून का, सैलाब मांगेगा। मेरे चलने से ही
Read Moreबेसुध है, बदहाल हो गयी। मानो माँ कंगाल हो गयी, दहशतगर्दों की हठधर्मी, खून से धरती लाल हो गयी। निर्मम
Read Moreहमारे नाम का पौधा लगाना अपने आँगन में। हमारी याद में दीपक जलाना अपने आँगन में। जो कोई ख़्वाब मेरी
Read Moreघरवालों के लालन पालन को, एक बच्चा श्रम करता है। बहन की शादी, दवा पिता की, घर के तम को
Read Moreमौन रहूँ तो कैसे मन में, शब्द कौंधने को आते हैं। हर्ष नहीं है पास हमारे, हम दुख की सरगम
Read Moreदिल के जज़्बात फिर जले क्यों हैं। हम सही होके भी छले क्यों हैं। वो तो कहते थे, प्यार मुझसे
Read Moreमन में पीड़ा, रुधिर शीत है, निर्धन के घर कंगाली है। एक तरफ खरबों के मालिक, एक तरफ ये घर
Read More