Author: *डॉ. दीपक आचार्य

हास्य व्यंग्य

सर्वदलीय सर्वपूजक मौकापरस्त सरकारी जँवाई और फूफे-फूफियां

सरकारी जँवाइयों की तरह-तरह की विचित्र किस्मों में सर्वाधिक संख्या उनकी है जो मौकापरस्त हैं और अवसरवादी मानसिकता के मामले

Read More
राजनीति

स्मार्ट राजस्थान बनाएं : तभी साकार होगा विकसित राजस्थान का संकल्प

स्मार्ट से तात्पर्य है प्रत्येक इकाई से लेकर परिवेश तक में चुस्ती, स्फूर्ति और निरन्तर रचनात्मक गतिशीलता के साथ प्रगति दिखे

Read More
सामाजिक

ईमानदारी से स्वीकारें – हम ही हैं आवारा, लुच्चे-टुच्चे और लफंगे, आलतू-फालतू नाकारा नुगरे, और आतंकवादी

जरा सोचें कि भगवान द्वारा दी गई बुद्धि का हम कितना इस्तेमाल करते हैं। हम सारे भेड़ों की रेवड़ों या

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सामूहिक उल्लास अभिव्यक्ति का सुनहरा उत्सव है – गोठ

उमड़ता है मौज-मस्ती और सामाजिक सौहार्द का मनोरम ज्वार             आनन्द पाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहना मनुष्य का मौलिक स्वभाव

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

फागुनी लोक लहरियों पर थिरक रहा है दक्षिणांचल

            अमराइयों में कूकती कोयल ने बसन्त के आगमन का संदेश दिया, प्रकृति ने धानी चूनर ओढ़ी, खेतों में फूली पीली सरसों ने

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

पहाड़ों में लगते हैं कुँवारों के मेले, मिलता है जीवनसाथी का वरदान

राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के आदिवासियों की साँस्कृतिक एवं सामाजिक परम्पराओं का मनोहारी दिग्दर्शन कराने वाले राजस्थान के दक्षिणांचल वाग्वर

Read More