बहुत कुछ कहती हैं अँगुलियाँ
अंगुलियाँ उमड़ा देती हैं अभिव्यक्ति का सागर इशारों ही इशारों में अंगुलियों की अपनी भाषा होती है जिसके लिए न
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Read Moreपश्चिमी राजस्थान का समूचा क्षेत्र दैवीय शक्तियों और दिव्य ऊर्जाओं से आप्लावित माना जाता है। समूचे क्षेत्र में शाक्त उपासना
Read Moreसारी उपासनाओं, साधनाओं और कर्मयोग का यही सार है कि जिसकी नीयत साफ है, भगवान उसी के साथ है। फिर जिसके साथ
Read Moreरोजाना कोई सा धार्मिक कार्यक्रम हो, कथावाचकों की कथाएं हों अथवा सत्संग। या कुछ-कुछ दिनों में आते रहने वाले पर्व-त्योहार, उत्सव, मेले-ठेले, यज्ञ, अनुष्ठान, मन्दिर, मूर्ति और
Read Moreसमाज और देश को बुद्धिजीवियों पर भरोसा था। उनके नीर-क्षीर विवेक पर गर्व था। यह विश्वास था कि इनकी बुद्धि
Read Moreधर्म के प्रति आस्थाओं में भी भेद है। एक तरफ वे लोग हैं जो धर्म के नाम पर पैसा बनाने, लोगों
Read Moreहम जो हैं वही दीखें यह मौलिकता है जबकि हम जो हैं वैसे न दिखें और इसकी बजाय हमारे दूसरे
Read Moreजब-जब भी मलाई, मक्खन और मुद्राओं भरे छींके नज़र आ जाते हैं कहीं भी, तब-तब इनकी गंध पाकर घोर शत्रु
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