पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल पर कविता
दे दो उसे जीवनदान घुट रहा है दम निकल रहे है प्राण। कोई सुन ले तो दे दो उसे जीवनदान।
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Read Moreअब तो न दिन को चैन आता है और न ही रात को नींद आती है। इस आलम में कुछ
Read Moreमहान दार्शनिक सुकरात ने कहा था- ‘जो व्यक्ति मूर्खता करने बाद अपने आप को मूर्ख माने दरअसल वो सबसे बड़ा
Read Moreनारी नर की खान है, नारी कुल की चांदनी है, नारी घर की लक्ष्मी है। नर पुष्प है तो नारी
Read Moreहोली उमंग, उल्लास, मस्ती, रोमांच और प्रेम आह्वान का त्योहार है। कलुषित भावनाओं का होलिका दहन कर नेह की ज्योति
Read Moreलेखक श्री बृज मोहन भार्गव की पुस्तक ‘डाकोत ब्राह्मण कुलीन वंश परंपरा’ कई सत्य उजागार करती हैं। पुस्तक में डाकोत के
Read Moreभारतीय स्वाधीनता संग्राम के सेनानी, भारत रत्न सम्मानित, ‘दिल्ली चलो’ और ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा’ जैसे घोषवाक्यों
Read Moreबसंत मतलब कवियों और साहित्यकारों के लिए थोक में रचनाएं लिखने का सीजन। बसंत मतलब तितलियों का फूलों पर मंडराने, भौंरे
Read Moreदेश में बाघों की लगातार कम होती संख्या सरकार और पशुप्रेमियों के लिए चिंता का विषय है। कभी लोगों के बीच
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