कविता—बिन साजन के सावन कैसा
बारिश की बूंदों से जलती हीय में मेरे आज सुलगती पीपल के पत्तो की फडफड जैसे दिल की धडकन धडधड
Read Moreबारिश की बूंदों से जलती हीय में मेरे आज सुलगती पीपल के पत्तो की फडफड जैसे दिल की धडकन धडधड
Read Moreमोहन के घर में एक काली गाय थी, ये गाय उसकी नानी ने मोहन की माँ को दी थी. कहा
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