गीतिका/ग़ज़ल दिलदार देहलवी 17/02/2018 ग़ज़ल ज़माने से नफ़रत के साये गए चराग़े मुहब्बत जलाये गए मुहब्बत से मेरी ज़बां बंद थी वो तोहमत पे तोहमत Read More