पर्यावरण गजल
रक्त का संचार है पर्यावरण साँस की रफ़्तार है पर्यावरण। फूल, फल या छाँव की ख्वाहिश अगर तो प्रकृति का
Read Moreरक्त का संचार है पर्यावरण साँस की रफ़्तार है पर्यावरण। फूल, फल या छाँव की ख्वाहिश अगर तो प्रकृति का
Read Moreबेवजह वो मुस्कराता यह ख़बर अच्छी नहीं दे रहा है फिर दिलासा यह ख़बर अच्छी नहीं ! जो ज़रूरतमंद हों
Read Moreकितने अनपढ़ भी हैं देखे कबीर होते हैं ग़रीब लोग भी दिल के अमीर होते हैं। ऐसे बच्चे भी हैं
Read Moreउधर देखा , कभी ख़ुद की तरफ़ देखा नहीं मैंने नफ़ा, नुक़सान क्या होगा कभी सोचा नहीं मैने। मुझे भी
Read Moreरक्त का संचार है पर्यावरण साँस की रफ़्तार है पर्यावरण। फूल, फल या छाँव की ख्वाहिश अगर तो प्रकृति से
Read Moreकिसी क़िताब में जन्नत का पता देखा है किसी इन्सान की सूरत में ख़ुदा देखा है। इसी से सब उसे
Read Moreआ धमके साले-बहनोई होली में बजट कर गयी साफ रसोई होली में। बच्चों की मां की फरमाइश चुकी नहीें मैंने
Read Moreजरै बुराई एक-एक कर तब होली है भरै सभी का पेट बराबर तब होली है। तरस रहे कितने बच्चे
Read Moreप्राणों में ताप भर दे वो राग लिख रहा हूँ मैं प्यार के सरोवर में आग लिख रहा हूँ। मेरी
Read Moreफ़रेब, झूठ का मंज़र कभी नहीं देखा कहाँ नहीं है, पर ईश्वर कभी नहीं देखा उसे हमारी तरह ठोकरें कहाँ
Read More