भेदे जो बड़े लक्ष्य को वो तीर कहाँ है
भेदे जो बड़े लक्ष्य को वो तीर कहाँ है वो आइना है किन्तु वो तस्वीर कहाँ है कविता में तेरी
Read Moreभेदे जो बड़े लक्ष्य को वो तीर कहाँ है वो आइना है किन्तु वो तस्वीर कहाँ है कविता में तेरी
Read Moreआइने में खरोचें न दो इस कदर खुद को अपना कयाफ़ा न आये नज़र रेत पर मत किसी की
Read Moreअमीरी है तो फिर क्या है हर इक मौसम सुहाना है ग़रीबों के लिए सोचो कि उनका क्या ठिकाना है
Read Moreगाँवों का उत्थान देखकर आया हूँ मुखिया की दालान देखकर आया हूँ मनरेगा की कहाँ मजूरी चली गई सुखिया को
Read Moreइक घडी भी जियो इक सदी की तरह जिंदगी को जियो जिंदगी की तरह रास्ते खुदबखुद ही निकल आयेंगे जब
Read Moreप्यार मुझको भावना तक ले गया कामना को वन्दना तक ले गया रूप आॅखौं मे किसी का यॅू बसा अश्रु
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