बवंडर उठ रहा है क्या तुम्हें इसकी ख़बर भी है
बवंडर उठ रहा है क्या तुम्हें इसकी ख़बर भी है तबाही से डरे हैं लोग घबराहट इधर भी है मेरी
Read Moreबवंडर उठ रहा है क्या तुम्हें इसकी ख़बर भी है तबाही से डरे हैं लोग घबराहट इधर भी है मेरी
Read Moreउडी़ ख़बर कि शहर रोशनी में डूबा है गया क़रीब तो देखा कि महज़ धोखा है बडे़ घरों की खिड़कियाँ
Read Moreमेरी आँखों से उसे दरिया बहाना आ गया अब उसे कमज़ोर नस मेरी दबाना आ गया वो हमारी शक्ल पर
Read Moreगमे आशिक़ी ने सँभलना सिखाया समंदर में गहरे उतरना सिखाया अकेले थे पहले बहुत खुश थे लेकिन तेरी आरज़ू़ ने
Read Moreगरीबी से बढ़कर सज़ा ही नहीं है सुकूँ चार पल को मिला ही नहीं है कहाँ ले के जाऊँ मैं
Read Moreतेरे प्यार में हर सितम है गवारा होता है होने दो नुक्सां हमारा अभी तक सफ़र में था बिल्कुल अकेला
Read Moreजिंदगी जितना तुझको पढ़ता हूँ उतना ही और मैं उलझता हूँ सारे आलम को यह ख़बर कर दो इश्क़ की
Read Moreदूर से आकर हमारा वो क़रीबी हो गया देखते ही देखते किस्मत हमारी हो गया कब मिला , कैसे मिला
Read Moreमेरा प्यार बेशक समंदर से भी है मगर गाँव के अपने पोखर से भी है किनारे जो लग करके डूबा
Read Moreमैं विवादों से दूर रहता हूँ काम से काम अपने रखता हूँ। घर में भींगा रुमाल रख आया आप से
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