सिंदूर
पहलगाम में निर्दोषों की जान ली,क्या सोचा कुछ होगा नही,भारत बदल रहा हैं,इसका पता पूरी दुनिया को पता चल गया,सोचा
Read Moreपीले पत्ते जो डाली से टूट जाते है,वैसे ही इंसान बूढ़ा होकर टूट जाता है,डाली के पीले पत्ते अपनी व्यथा
Read Moreहमारा रिश्ता भी क्या खूब है, जो कोई समझ ना सका, हम दोनों बह गए इस रिश्ते में, ऐसा लगा
Read Moreहोली का त्योहार कितना निराला, लगता मुझको सबसे प्यारा, लाल नीला पीला हरा रंग, सबके मन को भिगो रहा है,
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