माँ ! तुम कैसे भाँप लेतीं
मेरी देह का बढ़ता ताप जब कभी ज्वर का रूप धारण करता माँ ! तुम कैसे भाँप लेतीं | तुम्हारी
Read Moreमेरी देह का बढ़ता ताप जब कभी ज्वर का रूप धारण करता माँ ! तुम कैसे भाँप लेतीं | तुम्हारी
Read Moreयुगों-युगों से अडिग खड़े हो, भयंकर आँधियों में, भीषण तूफ़ानों में, बारिशों में, विनाशकारी ओलावृष्टियों में, और तनिक भी न
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