ग़ज़ल
मुझे तुमसे इतनी फ़क़त है शिकायत। न भरपूर मुझको मिली तुमसे उल्फ़त। है बाक़ी अभी देखना हमको हमदम, कहाँ जा
Read Moreतन मन सारा शुद्ध कर, करता रोज़ निरोग। सेहत की चाहत अगर, नियमित करिये योग। योग शुरू यदि कर दिया,अब
Read Moreरब की नज़रों में वही,बन्दा होता खास। मातपिता को जो रखे,दिलके अपने पास। सारे अच्छे लोग जब, हो जायेंगे मौन।
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