मुक्तक/दोहा *हमीद कानपुरी 27/05/2021 हमीद के दोहे रब की नज़रों में वही,बन्दा होता खास। मातपिता को जो रखे,दिलके अपने पास। सारे अच्छे लोग जब, हो जायेंगे मौन। Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 26/05/2021 ग़ज़ल कौन दुश्मन क़ौम का है सोचना। किससे लड़ने में भला है सोचना। है ग़रीबी क़ौम की दुश्मन बड़ी, कैसे उससे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 23/05/2021 ग़ज़ल खुला दिल न होता सख़ावत न होती। खुदा की फिर उन पे इनायत न होती। अगर मुझको उनसे मुहब्बत न Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 21/05/2021 ग़ज़ल इश्क का गर सफीर हो जाता । नाम फिर मुल्कगीर हो जाता। जाने कब का अमीर हो जाता। बस ज़रा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 16/05/2021 ग़ज़ल आज ढांचा बहुत ही जर्जर है। हर तरफ मौत का यूं मंजर है। हार पचती नहीं ज़रा सी भी, उठ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 13/05/2021 ईद में प्यार का डोज कुछ दो बढ़ा ईद में। भूलकर यार शिकवा गिला ईद में। कुछ न भाया सनम के बिना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 25/04/2021 ग़ज़ल वो कभी दर ब दर नहीं होते। लोग जो बे खबर नहीं होते। गर खुले जानवर नहीं होते। खेत ज़ेरो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 30/03/2021 होली में है अजब सब का हाल होली में। रंग से लाल गाल होली मैं। करते फिरते धमाल होली में। बदली बदली Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 18/03/2021 ग़ज़ल जाम उल्फत का अपनी पिला दो हमें। प्यार करते हैं कैसे बता दो हमें। इक नये अब जहां में बसा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 08/03/2021 ग़ज़ल शादी की रात खूब सजाया गया मुझे। ताउम्र उसके बाद रुलाया गया मुझे। कल खूब ज़ुल्म जोर दिखाया गया मुझे। Read More