हमीद के दोहे
अब मत हरगिज़ ढूढिये, पहले वाली बात। चाल चलन बदले सभी,बदल गये हालात। ख़ुद्दारी को भूलकर , करते हैं फरियाद।
Read Moreअब मत हरगिज़ ढूढिये, पहले वाली बात। चाल चलन बदले सभी,बदल गये हालात। ख़ुद्दारी को भूलकर , करते हैं फरियाद।
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Read Moreअटल हमारे अटल तुम्हारे। नहीं रहे अब बीच हमारे। जन जन के थे राज दुलारे। अटल हमारे अटल तुम्हारे। बेबाक
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