ग़ज़ल
मुझको जो करना है करता रहता हूँ। झेल झमेले सारे चलता रहता हूँ। अपनी नज़रों में बस अच्छा रहता हूँ।
Read Moreपप्पू के घर में कई दिनों से सबह शाम दाल और सब्ज़ी ही बन रही थी।आज सबका कढ़ी खाने का
Read Moreरफ्ता रफ्ता खो गया, दिल का चैन करार। रफ्ता रफ्ता हो गया , मुझको उससे प्यार। जब से मेरी हो
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