कविता *हमीद कानपुरी 23/03/2020 करोना अनदेखे दुश्मन से अपनी। जारी है इक जंग बड़ी सी। नाम करोना उसका यारो, लड़नी है ये मिलकर सबको। Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 21/03/2020 ग़ज़ल है राह इश्क़ की ये क़दम रख संभाल कर। काँटे क़दम क़दम पे हैं चल देखभाल कर। वो आ रहा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 14/03/2020 ग़ज़ल जोर नाहक ही लगाने की ज़रूरत क्या है। बेसबब शोर मचाने की ज़रूरत क्या है। ज़ख़्म इक रोज़ लगाने की Read More
मुक्तक/दोहा *हमीद कानपुरी 13/03/2020 हमीद के दोहे देश हमारा एक है, जिसका भारत नाम। प्यार मुहब्बत से रहो,नफरत का क्या काम। डर ही तो है आपका, कुछ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 08/03/2020 होली गुनगुनाओ कि आ गयी होली। खिलखिलाओ की आगयी होली। हर तरफ मस्तियों का आलम है, हिंद आओ कि आ गयी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 21/02/2020 ग़ज़ल हर कोई सिर्फ रौशनी से मिले। भूल कर भी न तीरगी से मिले। सादगी से उन्हें बड़ी उल्फत, जब मिले Read More
मुक्तक/दोहा *हमीद कानपुरी 19/02/2020 मुक्तक किस तरह हो पुर भला। जो हुई पैदा खला। आपका जाना हमीद, इक बड़ा है मसअला। साथ सच के सदा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 18/02/2020 ग़ज़ल चलना हल्की चाल मुसाफिर। मत होना बे हाल मुसाफिर। संकट है विकराल मुसाफिर। काम नहीं अब टाल मुसाफिर। दुख तेरा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 12/02/2020 ग़ज़ल तम ने सूरज को छला। है विकट कुछ मसअला। दौरे हाज़िर देख कर, याद आया कर्बला। झूठ हावी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 07/02/2020 ग़ज़ल साथ उसके ही मैं खड़ा होता। दर्द उसने अगर कहा होता। आपसे आ वहीं मिला होता। गर न पहरा वहाँ Read More