ग़ज़ल
शक से देखी गयी भूमिका हर क़दम। ढूँढते जो रहे फायदा हर क़दम। बावफा से रखो राबिता हर क़दम। बेवफा
Read More1949 में अपनेे वर्तमान स्वरूप में आने से लेकर अब तक कभी भी भारत सरकार ने एक मुश्त इतनी बड़ी
Read Moreहाकी के जादूगर महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसी
Read Moreअजब जादू भरे अश्आर के ख़ालिक़, सभी को याद है अब भी गुले नग़मा। फ़िराक़ गोरखपुरी की शायरी में गुल-ए-नगमा,
Read Moreआज़ादी का अपहरण , करे जहाँ सरकार। तर्क बगावत का वहाँ , पाता है आधार। ज़र के भूखे भेड़िए ,
Read More