गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 01/12/2021 ग़ज़ल मिल सकी है उसे यूँ सफलता नहीं। कामयाबी की दिल में विकलता नहीं। चूमती ही नहीं कामयाबी क़दम, अज़्म लेकर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 05/11/2021 ग़ज़ल प्यार का पास गर ख़ज़ाना है। साथ उसके मियाँ ज़माना है। एक दीपक नहीं महज दीपक, रौशनी का बड़ा ख़जाना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 21/10/2021 ग़ज़ल करें रौशनी अब अँधेरा मिटायें। दिलों में बसा है जो रावन जलायें। गुनाहों की रोटी न हरगिज खिलायें। अगर हो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 10/10/2021 ग़ज़ल हर तरफ पैदा करे डर कौन है। माॅब लिंचर यां सितमगर कौन है। हार को स्वीकारता हरगिज़ न जो, दिलकेअन्दर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 02/10/202102/10/2021 गाँधी नया एंगिल नया आयाम गाँधी। हमारे मुल्क को इन्आम गाँधी। बुराई से रहे लड़ते हमेशा, मुहब्बत का खुला Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 01/10/2021 ग़ज़ल याद के संग नई रोज़ सज़ा देते हैं। नींद से आ के मुझे रोज़ जगा देते हैं। देश की राह Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 26/09/2021 ग़ज़ल सनम आ जब से शामिल हो गयी है। बड़ी अच्छी ये महफ़िल हो गयी है। अभी तक है वबा का Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 25/08/2021 ग़ज़ल बताती बैर जो करना,भला कैसी सियासत है। सिखाती रोज़ जो लड़ना,भला कैसी सियासत है। ग़रीबों के मसीहा हैं , मगर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 21/08/2021 ग़ज़ल अच्छे अगर हैं हाल तो फिर क्या चलो चलें। अच्छा बहुत है साल तो फिर क्या चलो चलें। खुशहाली चाहते Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 16/08/2021 ग़ज़ल दर्द जलने का जानता ही नहीं। हाथ जिसका कभी जला ही नहीं। क्यूँ न पूरा करे सफ़र तन्हा, साथ जिसको Read More