हाल जस के तस बने है
“हाल जस के तस बने है” साल कितने ही बदलते, हाल जस के तस बने है। करवटे कितनी बदलते, ठण्ड
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Read Moreजल्दी उठकर छत पर पंहुचा… पूर्व क्षितिज पर दृष्टि जमाकर सोचा!!! कुछ बड़ा होगा आज सूरज, सोचा – आज नया
Read Moreजल्दी उठकर छत पर पंहुचा… पूर्व क्षितिज पर दृष्टि जमाकर सोचा!!! कुछ बड़ा होगा आज सूरज, सोचा आज नया नया
Read Moreअरमानों की भट्टी हर पल, हरएक के दिल में जलती है। चाहे सब कुछ मिल जाता है; फिर भी कुछ
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