दोहे
बनती बहुत मजबूरियां, बना तमाशा देत।आज कल शादी प्रथा, करती मटियामेट।। जाना तो माना नहीं, कर खर्चीला विवाह।जीना दूभर ख़ुद
Read Moreसम्मान तुम्हारा तब तक रहेगा,जब तक स्वाभिमान न डिगेगा।यदि ठेस पहुंची मेरे मान को,फिर नमन नहीं अपमान मिलेगा। झुकना विनम्रता
Read Moreमुसीबत में_ कोई नहींसीता के रखवाले राम थे;जब हरण हुआ तब कोई नहींद्रौपदी के पाँच पाण्डव थे;जब चीर हरा तब
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