लहर
तुम्हें लगा टूट कर बिखर जाँउगी जिसे थामने के लिए आगे बढ़ोगे तुम आत्मसंयमित स्वयं को सम्भाले हुए तुम्हारे ही
Read Moreसूखा मुरझाया फूल पुरानी किताब में मिला खुशबू न थी फूल में रंग भी बदल चुका था मेरी तरह बदले
Read Moreमैं दुखता नासुर हूँ मित्र रिसती दरारों को न और चटका अब केवल दर्द सुंकु देता है मवादों के पोरो
Read Moreपहली फुहार पर पुकार लो मुझे कि बूदों सी सोंधती झर जाऊं तुम्हारे आंगन में पहली बयार पर पुकार लो
Read Moreमुझे लगा तुमने कुछ कहा नजरें उठा कर देखा तुम्हारी उगंलियां फोन पर मचल रही थीं घना अंधेरा सहम गई
Read Moreजख्म सींचते सींचते दर्द हुआ बेअसर आह के संगीत से ही उठी आनंद लहर क्षणिक राहतो ने दिया जब कल
Read Moreअजनबी व्यवहार के साथ पहचाने चेहरे आँख बचाकर जब सामने से गुजरते देखे अहसास हो गया बुझती उम्र का —
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