कविता ईशानी मुखर्जी 24/08/2021 भूख भूख लगी-भूख लगी माँ खाना दो, दाल दो-चावल दो- आलू दो,खाना दो, माँ सोची लाऊ सच्चे से, या पानी पिलाकर Read More
कविता ईशानी मुखर्जी 24/08/2021 प्रकृति हर बात का जवाब है तुम्हारे पास, सोचा क्यों न बतला दू तुम्हारे कुछ खास। कुछ इंसान निर्दयी हो रहे Read More